Sunday, August 21, 2011


जय हिंद ,
              जय श्री राधे 
                
                                कल जन्माष्टमी है , भगवान श्री कृष्ण का जन्म दिवस , सर्व प्रथम सभी पाठकों को लल्ला के जन्म दिन की बधाई ! बृज मैं इस दिन घर घर मैं कान्हा का जन्म दिन मनाया जाता है ,इस बृज के हर घर मैं कान्हा जन्म लेंगे ,"यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानीर्भावती भारतः अभुथानाम धर्मस्य तदात्मानं स्स्र्जाम्हम ,परित्राणाय साधुनाम विनाशाय च दुष्कृताम धर्म संश्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे "
              भगवान किसी न किसी रूप मैं आते हैं , मुझे लगता है आज अन्ना हजारे के रूप मैं वाही चक्रधारी हैं, केजरीवाल जी ,किरण वेदी  जी, भूषन साहब ,आदि वे सभी लोग,साथ ही  सभी देशवासी  अर्जुन हैं और केंद्र सरकार सत्ता रुपी दुर्योधन के मोह में अंधी , ध्रतरास्ट्र हो रही है, सत्य के इस युद्ध में अंत में जीत उसी की होगी जिसके ओर मुरली वाला होगा , 
                                                                                                                   जय हिंद
                                                                          धर्म की जय हो
                                     

Monday, August 15, 2011

लाल किला प्राचीर से आज आदरनीय प्रधानमंत्री जी का भाषण

जय हिंद 
               मित्रो , लाल किला प्राचीर से आज आदरनीय प्रधानमंत्री जी का भाषण सुना  , सुन कर अच्छा लगा की उन्होंने भ्रस्टाचार का जिक्र किया, महंगाई का जिकर किया , उनका संबोधन पूरी तरह से राजनितिक था , होना भी चाहिए क्योंकि वे राजनैतिक  व्यक्ति हैं ! आज कल अन्ना के अभियान के कारण सभी को वही सुनाई दिया , परन्तु प्रधानमंत्री जी एक और मुद्दे पर बोल रहे थे , जिस की ओर मेरा ध्यान गया , क्योंकि मैं एक किसान भी हूँ अतः मैं केवल वाही बात उठाना  चाह रहा हूँ , प्रधान मंत्री जी ने कहा कि किसान ने खाद्यान मैं रिकार्ड उत्पादन किया है अनाज, दलहन आदि खेत्रों मैं, हमें एक और हरित क्रांति की जरूरत है , तो श्रीमान जी भारत का किसान कई सालों से उत्पादन रिकार्ड ही कर रहा है परन्तु आप की सरकार महंगाई नहीं रोक पाई , ना ही किसान को महंगाई के हिसाब से उसकी फसल का मूल्य दे पाई , सरकार  से अधिक तो खुले बाज़ार मैं मिला , साथ ही खाद्यान की सुरख्या भी नहीं कर पाई ,अनाज गोदामों में सड़ गया , आपके मंत्री सुप्रीम कोर्ट की टिपण्णी का भी मखौल उड़ाते रहे और अनाज को शराब की फेक्टरी को बेचते रहे, ये उस अन्न दाता का अपमान है जो अपने खून को पसीने में बदल कर सभी की भूख मिटाता है, 
                                                                                                                                    जय हिंद 

Saturday, August 6, 2011

कला कानून

जय हिंद 
           " रास्ट्रीय सलाहकार परिषद् " हमारे देश मैं एक गैर संबेधानिक महा शक्ति है , जिसकी सलाह ( आदेश) पर सर्कार एक एसा खतरनाक विधेयक लाने जा रही है जो कला कानून बन जाएगा  जिसका नाम " सांप्रदायिक और लखित हिंसा अधिनियम है ! क्या है ये अधिनियम इस की जानकारी मैं आप को दूं , 
        १- इस अधिनियम की धारा १ की उप धारा २ के अंतर्गत इस का प्रभाव पूरे देश मैं लागू होगा जिस की धारा ३ (ड़)के अनुसार 'समूह ' की परिभाषा दी है जी के अनुसार समूह का अर्थ है मुस्लिम व् ईसाई 
        २- अनुच्छेद ६ के अनुसार यदि सांप्रदायिक दंगों मैं "समूह" की किसी महिला के साथ दुराचार होता है तो वह अपराध है , समूह के अतिरिक्त किसी अन्य महिला पर किया गया बलात्कार अपराध नहीं 
        ३- धारा ३(च) के अनुसारयदि सांप्रदायिक दंगों में अथवा सामान्य स्तिथि में  "समूह" के व्यवसाय मैं बाधा पहुचती है या नुकसान होता है तो बाधा पहुचने वाला  , समूह के कारोबार का बहिस्कार करने वाला , या समोह के द्वारा बनाई या बेचीं बस्तु को लेने या उपयोग करने से मना करने या तिरस्कार  करने वाला अपराधी होगा    
           साथ ही यदि घंटा घड़ियाल , विवाह के समय बजने वाले वाध्य यंत्रों से ,शोभायात्रा ,सवारी आदि से "समूह" के किसी व्यक्ति को मानसिक अघात लगता है या चोट पहुँचती है तो उपरोक्त कार्य करने वाले को अपराधी मना जायेगा 
                           बाक़ी आगे