जय हिंद मित्रो
कल हॉकी के ओलंपिक क्वालीफाइंग के फ़ाइनल को जीतने के बाद हॉकी टीम की जितनी तारीफ की जाये वो कम होगी पर वाह रे भारतीय मीडिया , कई चेनलों पर ब्रेकिंग समाचार क्रिकेट टीम की हार का चलता रहा , अरे भूल जाना चाहिए क्रिकेट की हार को क्यों कि वो विदेशी खेल हमारी पहचान नहीं है , हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है
जितना पैसा क्रिकेट पर बर्बाद किया जाता है यदि उसका आधा भी हॉकी पर खर्च किया जाता तो आज हम कहाँ होते , फिर भी प्रसंसा करनी होगी हॉकी कि टीम की ,कि आभाव ग्रस्त रह कर भी खिलाडी देश के लिए पूरी ईमानदारी से खेलते रहे , २००८ को छोड़ कर , हर बार टीम ओलंपिक मैं खेलती रही और जीतती भी रही है
मेरा कहना है कि जो जज्बा हम क्रिकेट के लिए दिखाते हैं उस से अधिक हमें हॉकी के लिए दिखाना होगा तभी प्रायोजक हॉकी कि और आकर्षित होंगे
जय हिंद
कल हॉकी के ओलंपिक क्वालीफाइंग के फ़ाइनल को जीतने के बाद हॉकी टीम की जितनी तारीफ की जाये वो कम होगी पर वाह रे भारतीय मीडिया , कई चेनलों पर ब्रेकिंग समाचार क्रिकेट टीम की हार का चलता रहा , अरे भूल जाना चाहिए क्रिकेट की हार को क्यों कि वो विदेशी खेल हमारी पहचान नहीं है , हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है
जितना पैसा क्रिकेट पर बर्बाद किया जाता है यदि उसका आधा भी हॉकी पर खर्च किया जाता तो आज हम कहाँ होते , फिर भी प्रसंसा करनी होगी हॉकी कि टीम की ,कि आभाव ग्रस्त रह कर भी खिलाडी देश के लिए पूरी ईमानदारी से खेलते रहे , २००८ को छोड़ कर , हर बार टीम ओलंपिक मैं खेलती रही और जीतती भी रही है
मेरा कहना है कि जो जज्बा हम क्रिकेट के लिए दिखाते हैं उस से अधिक हमें हॉकी के लिए दिखाना होगा तभी प्रायोजक हॉकी कि और आकर्षित होंगे
जय हिंद